ਪਉੜੀ ॥ ਜਿਉ ਜਿਉ ਤੇਰਾ ਹੁਕਮੁ ਤਿਵੈ ਤਿਉ ਹੋਵਣਾ ॥
ਜਹ ਜਹ ਰਖਹਿ ਆਪਿ ਤਹ ਜਾਇ ਖੜੋਵਣਾ ॥
{ਪੰਨਾ 523}
Punjabi |
21सभी जज़्बात और ख़यालात बदल जाते हैं, यूँ तो मोहब्बत में ये दिन- रात बदल जाते हैं !
- Vikas Umrao
प्यार तो उनको भी हमसे है मगर ना जाने क्यूँ?, हम करें बात तो वो बात बदल जाते हैं !!
आरज़ू तो है के इज़हार-ए- मोहब्बत कर दूँ, लफ्ज़ चुनता हूँ तो लम्हात बदल जाते हैं !
कितनी नफ़रत थी कभी मोहब्बत से हमें, हो गयी मोहब्बत तो ख़यालात बदल जाते हैं !!
एक सा वक़्त मोहब्बत में कहाँ रहता है ? गर्दिश -ए- वक़्त से हालात बदल जाते हैं !!!!
Urdu |
83समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से
- Vikas Umrao
अगली मोहब्बत में तुम्हे फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी...!!
Hindi |
95उनकी नफ़रत बढ़ती गई
हमारी मोहब्बत बढ़ती गई
वो कहीं के न रहे
हम ख़ुदा बन गए ..
Unki nafrat badhti gai
humari mohabbat badhti gai
wo kahin ke na rahe
hum khuda ban gaye..
Hindi |
10क्यों मेरी मोहब्बत का मज़ाक उड़ाती हो
- Mashqoor Ahmed
हमने तो तुमसे सिर्फ मोहब्बत का इज़हार किया था
जाने क्यों नहीं समझती हो मेरे प्यार को
हर पल तुम्हे मज़ाक उड़ाना तुम्हे अच्छा लगता है ..
Kyun meri mohabbat ka mazak udati ho
humne to tumse sirf mohabbat ka izhaar kiya tha
jaane kyun nahi samajhti ho Mere pyaar ko
har pal tumhe mazak udana tumhe achaa lagta hai..
Hindi |
20कुछ इसलिए भी तुमसे मोहब्बत है 'फ़रज़'
मेरा तो कोई नही तेरा तो कोई हो
- अहमद फ़रज़
Hindi |
2013मोहब्बत ऐसी थी की उनको सिखाई न गयी
चोट दिल पे थी इसलिए दिखाई न गयी
चाहते नहीं थे उनसे दूर होना
पर दूरियां इतनी थी की मिटाई न गयी..
Hindi |
103हमने तो मोहब्बत में कोई गिला ना किया
पर उन्होंने मोहब्बत का कोई सिला ना दिया
हमने मांगे बिन सब कुछ दे दिया
उन्होंने हमें मांगने का मौका भी ना दिया..
Hindi |
60उनके चेहरे को अपनी आँखों से हटा ना सके
दिल की बेताबी की सूरत दिखा ना सके
कितनी दिलचस्ब हैं मोहब्बत की मजबूरियां
सामने मंज़िल थी पर कदम बढ़ा ना सके..
Hindi |
75वो करते हैं बात मोहब्बत की ,
पर मोहब्बत के दर्द का उन्हें एहसास नही
मोहब्बत वो चाँद है जो दिखता है सब को
पर उसे पाना सब के बस की बात नही..!!
Hindi |
62तेरी दुआओं का दस्तुर भी अजब है मेरे मौला
मोहब्बत उन्हीं को मिलती है जिन्हे निभानी नही आती..
Hindi |
21तेरे तीर निशाने पर लगे
फिर आज इक शख्स हमें घायल मिला
समझाना फ़िज़ूल था
अभी वो मोहब्बत को खुदा कहता था ..
Hindi |
73मोहब्बत काम से कर
आराम तो मर कर भी कर लेगा ..
Hindi |
61मदहोश मत करो मूझे अपना चेहरा दिखा कर.
- Ranjit
मोहब्बत अगर चेहरे से होती तो खूद़ा दिल ना बनाता..!
Hindi |
10मैंने कब दर्द के ज़ख्मों से शिकायत की है
- Lavanya Yadav
हाँ मेरा जुर्म है की मैंने मोहब्बत की है
आज फिर देखा उसे महफ़िल में पत्थर बने
मैंने आँखों से नहीं दिल से बगावत की थी
उसे भूल जाने की गलती भी नहीं कर सकती
टूट कर की है तो सिर्फ उसी से मोहब्बत की है ..
Hindi |
163चाँद की चादर हो
तारों का तकिया
बहती धारा सा हो
आपका हर सपना
महकती कलियों के संग
छूने उजाला आये
मोहब्बत भरा सलाम
पेश - ए - ख़िदमत दे जाए ..
Hindi |
5452नफरतों - गफलतों का दौर बहुत हुआ
आओ अब आगाज़ - ए - मोहब्बत करें
बेरूखी के फर्ज़ निभाते मुद्दत हो चली
आओ अब दीदार - ए - तबस्सुम करें
ज़िम्मेदारियां ज़ंजीर ना हो जाएं
आओ पैग़ाम - ए - उल्फत पढें
हसरतों के काफिले मीलों से चल रहे
आओ अब ख़्वाब - ए - हमसफ़र बनें ।
Hindi |
20एक शख़्स ने अपनी इतनी फ़ज़ीहत करवाई
जब भी पड़ा थप्पड़ तो उसे tweet याद आई
जंग में पयादों के मरने का ग़म
उफ़ ये मोहब्बत उफ़ ये रुसवाई ..
Hindi |
10हर लफ्ज़ के मायने मोहब्बत और
हर जंग का मक़सद जीत नहीं होता।
चाँद भी आता है ज़मीं पर
मगर कभी - कभी ।
अगर क़यामत तुम जैसी है
तो आज ही हो जाए ।
ये शायरी भी तेरी वफ़ा सी है
कभी बे-इन्तेहाँ
तो कभी बे-नियाज़ ।
सब आज ही बयां करोगे
कुछ तो अगली मुलाक़ात के लिए रख लो ।
सब आज ही बयां करने दो
अगली मुलाक़ात से पहले क़यामत ना हो ।
अलविदा, अब चलता हूँ
जो था सब कह दिया ।
वो चले जाते हैं अक्सर
बस कुछ देर ठहर कर ।
पत्तों की रौनक ही
पेड़ों की दास्ताँ है
ठूंठ तो बस
दर्द बयां करते हैं ।
फ़िज़ा सफ़ेद चादर ओढ़ ले
तो रुत सर्द जान पड़ती है
गुलिस्तां सजाने की चाहत हो
तो बहारों सा मिजाज़ रखिये ।
तनहाई में रहने का सबब पूछते हैं
वो जो ज़माने भर का ग़म दे गए ।
अंगारों को छूने की चाहत तो है
मगर हिम्मत नहीं ।
मुददत हुई या सदियाँ
तेरे इंतज़ार ने ये भी भुला दिया ।
जाने कब से हैं सुलग रहे
चंद बूंदों की चाहत में ।
उफ़ान और तूफ़ान
हदों के मोहताज़ नहीं ।
गुस्ताख़ी हमसे हुई है
तोहमत शराब को ना दे कोई ।
ज़लज़ले मुक़र्रर होंगे
तेरी तहरीर पर ।
समंदर सीने में है
फासले से देखिये
यूँ बेपरवाह कभी हम भी थे
एक लहर के आते ही शिकार हो गए ।
मैं तेरे ख़िलाफ़ हूँ क्यूंकि
तू मेरे ख़िलाफ़ है ।
ये ज़िन्दगी फ़क़त तेरे नाम की बरक़त से काबिज़ है ।
सहर तूने लिखवा दिया सूरज
अब ज़माना पढ़ रहा है ।
Urdu |
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